COVID-19: and its impact on environment Hindi me
- प्रकृति हमारी माँ है, वो हमें जीवन देती है। वो हमें पानी, स्वच्छ हवा, उपजाऊ मिट्टी और एक स्थिर जलवायु जैसी बहुत सारी आवश्यक चीजें प्रदान करती है।
- यह सीधे-सीधे हमारी अर्थव्यवस्थाओं को भी प्रभावित करती है। दुर्भाग्य से, मानवीय गतिविधियों ने प्रकृति को जोखिम में डाल रखा हैI
- COVID-19 महामारी, एक प्रकार का संकट है जो समाज के प्रत्येक वर्ग को प्रभावित करता है।
- अपने जीवनकाल में शायद किसी ने भी इस प्रकार के वैश्विक स्वास्थ्य संकट को देखा या महसूस नहीं किया हैI
- पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस महामारी ने तहस-नहस कर के रख दिया हैI
- COVID-19 के बाद पर्यावरण में भी व्यापक रूप से परिवर्तन हुआ हैI बहुत ही कम शब्दों में देखेगें कि क्या-क्या बदलाव हुआ है..
COVID-19 और जलवायु:
• COVID-19 आज दुनिया में सामने दिखाई देने वाला सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, लंबे समय से लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या बनकर खड़ी है।
• सदियों से, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रीन हाउस गैसों के रूप में महासागरों और वायुमंडल में है। COVID-19 महामारी के कारण ग्रीन हाउस गैसों में किसी भी प्रकार कमी के बावजूद, दुनिया अभी भी जलवायु परिवर्तन का सामना जरूर करेगी क्योंकि ग्रीन हाउस उत्सर्जन के लिए मानवीय गतिविधियां तो हमेशा जारी ही रहेंगी।
• प्रकृति हमें कोरोनोवायरस महामारी के माध्यम एक संदेश दे रही है कि हम सचेत रहें, और जलवायु संकट के बारे में हमेशा सोचते रहेंI
पानी का संकट और Covid-19:
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनोवायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है, नियमित अंतराल पर अपने हाथों को धोनाI
- अच्छी तरह से, साबुन और गर्म पानी के साथ और अपने आस-पास को साफ रखनाI लेकिन इस कोरोनावायरस महामारी की वजह से सारी दुनिया में पानी का संकट हो गया हैI
- दुनिया में आधे से अधिक आबादी को साबुन और गर्म पानी तो मिल नहीं पाता, हाथ धोना तो बहुत दूर की बात हैI COVID-19 महामारी आने के बहुत पहले ही, संयुक्त राष्ट्र (U.N.O.) ने पानी की इस कमी को “पृथ्वी का संकट” (Scourge of the Earth) कहा थाI
- कई करोड़ लोगों के पास सुरक्षित पानी और स्वच्छता की कमी है, हर दिन, दुनिया भर में दो अरब से अधिक लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। दूषित पानी, दस्त और गंदगी के कारण, हर दो मिनट में पांच साल से कम उम्र के एक बच्चे की मौत हो जाती हैI
विकासशील देशों में आधे लोगों के पास स्वच्छ पानी की कमी है। कोरोनावायरस महामारी ने इस समस्या को और भी बढ़ा दिया हैI
एशिया के सबसे बड़े शहरी झुग्गी-झोपड़ी (Slum), धारावी में, रहने वाले लोगों में से अस्सी प्रतिशत के पास पानी नहीं है। इस महामारी ने यहाँ पे भी पानी के संकट को दुगना कर दिया हैI
Covid-19 और वायु प्रदूषण:
- वायु प्रदूषण के नजरिये से देखा जाये तो एक बहुत अच्छी बात हुई हैI वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार सभी गैसों का स्तर भी काफी नीचे आ गया हैI
- COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी देशों ने कड़ाई से लॉकडाउन का पालन करवाया, जिसके नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं, आसमान पहले की तुलना में बहुत साफ दिखाई दे रहा है, हिमालय की गगनचुम्बी, पहाड़िया, बहुत दूर से भी स्पष्ट दिख रही हैंI
Covid –19 और वन्य जीवन:
- कोरोना वायरस की उत्पत्ति और कैसे ये फैला है इसके बारे के बारे में ठीक से तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह माना जाता है कि यह एक प्रकार की जानवरों से फैलने वाली बिमारी (zoonotic disease) है|
- यह 2019 के आखिरी महीने में कहीं उत्पन्न हुआ था, जब चीन के वुहान प्रान्त में एक व्यक्ति पैंगोलिन (एक जानवर) के माध्यम से वायरस से संक्रमित हुआ था।
- दुनिया के सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के संक्रमण से आदमी के लिए गंभीर खतरे हैं| इस प्रकार की तीन चौथाई बीमारियाँ वन्य जीवन से आती हैं।
- भविष्य की महामारियों को कम करने के लिए हमें जानवरों से लेकर इंसानों तक, इस तरह के वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिश करनी चाहिए।
- COVID-19 का जानवरों पर प्रभाव पड़ रहा है। लॉकडाउन और वन्य पर्यटन में पैसो की कमी से भी वन्यजीवों की रक्षा के लिए चुनौतियां पैदा हो रही है।
- वन्य जीवन के बिगड़ने के लिए बहुत सी चीजें जिम्मेदार हैं, जैसे जानवरों के प्राकृतिक आवास का नुकसान, भूमि-क्षरण, वन्य जीवन व्यापार और जलवायु परिवर्तन।
- लंगूरों, की सात प्रजातियों जो पहले से ही विलुप्त होने के कगार पर हैं, मन जाता है कि, संभावित रूप से वो सभी इस नए वायरस की चपेट में हैं।
Covid-19 और सड़े-गले वस्तुओं का प्रबंधन:
- COVID-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये, मेडिकल एवं घर के सड़े-गले सामानों, तथा अन्य खतरनाक कचरों का सही इन्तेजाम करना बहुत जरूरी हैI
- स्वास्थ्य और पर्यावरण पर, कम से कम प्रभाव पड़े, इसके लिये राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों को तत्काल आवश्यक सार्वजनिक सेवा के रूप में इन सबको सही तरीके से निस्तारण करना अत्यंत आवश्यक हैI COVID-19 और खतरनाक पदार्थों का एक्सपोजर:
- प्रवासियों मजदूरों और श्रमिकों को ब्लीच के साथ सेनेटाईज़ करना एक बहुत ही घिनौना तरीका हैI इस लड़ाई में आगे रहने वाले हमारे बहादुर डॉक्टरों, नर्सों, हमारी पुलिस और सफाईकर्मी जिन्हें हम “कोरोना वारिएर्स” भी कहते हैं, इन लोगों को भी सुरक्षा देने की जरूरत है।
- कम से कम संसाधनोंवाले लोग और देश में कोरोना का सामनाकरना अपने आप में एक चुनौती है| COVID-19 महामारी, एकआपातकाल की तरह हमारी दुनिया में आया है , जिसने आर्थिक संकट, बेरोजगारी और गरीबी को बढ़ाया ही है।
- जीडीपी और सरकारी राजस्व लगातार गिरते जा रहे हैंI यह स्वाभाविक है कि हम चाहते हैं कि यह बुरा सपना समाप्त हो जाए और हम सामान्य स्थिति में लौट आयें।